रामु और शामू ने एक अंगड़ाई ली आगे की तरफ बढ़ चले ठीक वैसे जैसे कभी भगत सिंह फांसी के फंदे रामु और शामू ने एक अंगड़ाई ली आगे की तरफ बढ़ चले ठीक वैसे जैसे कभी भगत सिंह फांसी ...
आज के व्यस्त जीवन मे हर व्यक्ति अपनी व्यस्तता के आगे दूसरों की दिक्कत को अनदेखा कर देता है। इसी भाव ... आज के व्यस्त जीवन मे हर व्यक्ति अपनी व्यस्तता के आगे दूसरों की दिक्कत को अनदेखा ...
तुम इस तरह बात करते–करते रिक्शा चला रहे हो कि कभी भी तुम्हारे रिक्शे का बैलेंस जा सकता तुम इस तरह बात करते–करते रिक्शा चला रहे हो कि कभी भी तुम्हारे रिक्शे का बैलेंस ...
मम्मा वह प्यार नहीं करते । वह गंदे हैं वह बैड टच करते हैं मम्मा वह प्यार नहीं करते । वह गंदे हैं वह बैड टच करते हैं
समाज में व्याप्त द्वेेश एवं ईर्ष्या को बयान करती सशक्त लघुकथा..... समाज में व्याप्त द्वेेश एवं ईर्ष्या को बयान करती सशक्त लघुकथा.....
रामू आज फिर उसी दिन की तरह फूट फूट कर रोया। रामू आज फिर उसी दिन की तरह फूट फूट कर रोया।